छत्तीसगढ़ी विप्र समाज के बारे में
छत्तीसगढ़ी ब्राह्मण समाज को भावनात्मक रूप से एक सूत्र में पिरोने व संगठित करने के उद्देश्य से 1986 में छत्तीसगढ़ युवा विकास संगठन संस्था का गठन कर छत्तीसगढ़ी ब्राह्मण समाज के सहयोग से समता कॉलोनी रायपुर में आर डी ए से रियायती दर में लगभग 14000 वर्गफिट जमीन प्राप्त कर विप्र सांस्कृतिक भवन का निर्माण किया गया गया।जगद्गुरु शंकराचार्य द्विपीठाधीश्वर श्री स्वरूपानंद सरस्वती महाराज जी के करकमलों से भूमिपूजन व उदघाटन दोनो कार्य संपन्न कराने का सौभाग्य प्राप्त हुआ। जिसका निर्माण 26 मई 1996 में पूर्ण किया गया । लगभग 7000 वर्गफुट बिल्टअप एरिया जिसके अंतर्गत 28 कमरे एवं नीचे 4500 तथा ऊपर 2400 वर्गफुट का हाल शामिल है,समाज के वरिष्ठ जनों व युवाओं के संयुक्त टीम के अथक प्रयास एवं समाज के उदार दानदाताओ के सहयोग से वर्षो पुराना हमारा सामाजिक भवन का सपना साकार हो सका।इसकी दूसरी इकाई का आधार भी सन 2015 में रखा गया। जो 7000 वर्ग फुट क्षेत्र निर्मित है है ,जिसमे 22 एयर कंडिशन्ड कमरे एवं 2 एयर कंडिशन्ड हाल शामिल है एवं बेसमेंट पार्किंग की सुविधा उपलब्ध है। निर्माण काल से लेकर अब तक विप्र भवन प्रबंध समिति के पदाधिकारी गण सामाजिक दायित्वों का निर्वहन जिम्मेदारी एवं ईमानदारी पूर्वक करते आ रहे हैं। सामाजिक , सांस्कृतिक एवं रचनात्मक गतिविधियों के जरिए समाज के लोगों को संगठित करने के दिशा में विप्र संस्कृतिक भवन हर संभव प्रयास करने में कोई कसर बाकी नहीं छोड़ रखा है।
ब्राह्मण समाज के नेतृत्व में भारत अनुभव और युवाओं का संतुलित मिश्रण है।
मध्यम, गरीब एवं पिछड़े वर्ग के छात्र छात्राओं को न्यूनतम शुल्क में गुणवत्तापूर्ण उच्च शिक्षा की सुविधा उपलब्ध कराने के उद्देश्य से तात्कालिक उच्च शिक्षा मंत्री माननीय श्री रविंद्र चौबे की प्रेरणा ,मार्गदर्शन एवं सहयोग से विप्र महाविद्यालय की नींव सन 1996 में रखी गई ।जिसका विस्तार स्वरूप आज 7 एकड़ में हरियाली से युक्त विप्र महाविद्यालय का विशाल परिसर छत्तीसगढ़ अंचल में शिक्षा का एक प्रमुख केंद्र बन चुका है। सन 2019 में विप्र पब्लिक स्कूल संचालित कर कक्षा आठवीं तक की शिक्षा प्रदान की जा रही है।
युवाओं के शारीरिक विकास हेतु 2000 वर्ग फुट में आधुनिक जिम्नेशियम अथवा व्यायामशाला का निर्माण किया जा रहा है|
जिसके लिए माननीय श्री विकास उपाध्याय (संसदीय सचिव एवं विधायक रायपुर पश्चिम) ने विधायक निधि से 1000000 रुपए का सहयोग प्रदान किया है।साथ ही खेलकूद हेतु विप्र महाविद्यालय ऑडिटोरियम में बैडमिंटन एवं अन्य इनडोर स्पोर्ट्स की व्यवस्था प्रदान की गई है।
विप्र सांस्कृतिक एवं प्रबंधन समिति द्वारा संचालित विप्र भवन में निरंतर समाज को एक दिशा दिखाकर समाज को संगठित करने एवं समाज में मौजूद कमजोर धड़ को मजबूती प्रदान करने अनेकों कार्यक्रम एवं गतिविधियां कराई जा रही है ।साथ ही समाज में बहुमुखी विकास के मद्देनजर इन सभी संस्थाओं का संचालन सुचारु रुप से किया जा रहा है।
समाज मैं मौजूद युवा वर्ग को सशक्त करने एवं समाज की नई पीढ़ी को मुख्यधारा से जोड़ने एवं सामाजिक कार्यों में जोड़े रखने हेतु विप्र सांस्कृतिक भवन प्रबंध समिति के तत्वाधान में छत्तीसगढ़ी युवा विप्र संगठन का गठन सन 2017 में किया गया, जिसके माध्यम से शहर के युवाओं को संगठन में शामिल कर गतिविधियां प्रारंभ की गई। जिसमें प्रदेश के चर्चित एवं एकमात्र छत्तीसगढ़ी ब्राह्मण समाज का रात्रि कालीन क्रिकेट स्पर्धा विप्र प्रीमियर लीग का आयोजन 4 वर्षो से किया जा रहा है ।जिसमें प्रदेश भर के ब्राह्मण समाज के युवा भाग लेते रहे हैं ।साथ ही अन्य गतिविधियों द्वारा समाज के युवाओं को जोड़ने का प्रयास निरंतर किया जा रहा है।
समाज में मौजूद आर्थिक रूप से कमजोर परिवारों को भी किसी न किसी माध्यम से समाज द्वारा सहयोग प्रदान किया जा रहा है। जैसे कि समाज के आर्थिक रूप से कमजोर परिवार के बच्चो/ विद्यार्थियों को छात्रवृत्ति विप्र सांस्कृतिक भवन समिति द्वारा प्रदान किया जाता है।
विप्र शक्ति महिला संगठन समाज
छत्तीसगढ़ी ब्राह्मण समाज की एक इकाई विप्र शक्ति महिला संगठन समाज की महिलाओं को संगठित कर समाजिक विकास के गतिविधियों में उनकी सक्रिय भागीदारी सुनिश्चित कर रही है। साथ ही छत्तीसगढ़ी ब्राह्मण समाज की महिलाओं को स्वावलंबी बनाने हेतु स्वरोजगार एवं शिक्षा प्रदान करने की दिशा में कार्य कर रही है। छत्तीसगढ़ युवा विकास संगठन के अध्यक्ष श्री ज्ञानेश शर्मा के नेतृत्व में 1986 से समाज के युवाओं ने उत्साह के साथ समाज के विकास के लिए जो प्रयास किए ,आज वह विप्र सांस्कृतिक भवन ,विप्र महाविद्यालय, विप्र महिला शक्ति मंडल, सुहागा मंदिर ट्रस्ट ,बाल समाज सोसाइटी एवं विप्र युवा संगठन आदि विभिन्न माध्यमों से छत्तीसगढ़ी ब्राह्मण समाज के विकास एवं उत्थान के लिए निरंतर कार्य कर रही है। संलग्न सभी संस्थाओं का एवं संगठन का एकमात्र देश छत्तीसगढ़ी ब्राह्मण समाज के उत्थान एवं समाज को मजबूती प्रदान करना है। अत: इसी विश्वास के साथ समाज को मजबूती प्रदान करने के लिए यह संगठन निरंतर कार्य करता रहेगा।